कलियुग में देवाधिदेव महादेव के तीन ही अवतार हैं जो कि पूर्ण चुके हैं। प्रथम महर्षि पाणिनि जिन्होने व्याकरण सूत्र दिया । द्वितीय महर्षि पतंजलि जिन्होने योग सूत्र की रचनात्मक की। तृतीय जगद्गुरु शंकराचार्य वेद भाष्य , ब्रम्ह सूत्र एवं आध्यत्मिक यात्रा कर चारधाम स्थापित किये। हर हर महादेव ।।