सरकारें ना तो संस्कृति को जन्म देती हैं, ना संवाहक या रक्षक होती है , चुनावी घोषणाओं के भ्रमजाल से बाहर निकलिए , अपने संस्कृति, सभ्यता, संस्कार का पोषण और संरक्षण हमें स्वयं करना होगा।
कथित राजनैतिक लाेग और उनके साजिश से सावधान रहने की जरूरत है।
।।जय सीताराम।।
कलियुग के असुर कहे जाने वाले मायावी सीताराम नाम रूपी असुर जिसे ५ हजार साल बाद पता चला कि हिन्दू हिंसक होता है, अरे जाहिल जिस दिन हिन्दू हिंसक हो गया, सारी समस्या खत्म हाे जयगी। मूर्ख थूकता हूं एैसै कम्युनिस्ट विचारों पर ।। जय जय सीताराम।।